तुम फिर अनजाना कह जाना,
यु यादों की आगोशी में,
ना शोर जुबा का,
धडकनों की ख़ामोशी में,
तुम फिर नाम नया,
बेवफा कह जाना,
भूली वफा की मदहोशी में ,
तुम फिर यु तनहा कर जाना,
हर लम्हे की सरफरोशी में
तुम फिर अनजाना कह जाना,
यु यादों की आगोशी में,
From:- Hritesh Jaiswal