काश मूर्तियों से बना कोई भगवान न होता ,
सिर्फ तुम में सब , सब में हम होते
न कोई हिन्दू होता न कोई मुसलमान होता
काश मूर्तियों से बना कोई भगवान न होता
ना अल्लाह ना राम,
ना जिसेस ना सतनाम
इंसानियत बस इंसानियत ही
तेरा मेरा सबका ईमान होता
काश मूर्तियों से बना कोई भगवान न होता
सीमाए सरहदे सब मिट जाती
सारा जहाँ एक सामान होता
हम वासी होते अमन के
ना कोई हिन्दोस्तान होता न कोई पकिस्तान होता
काश मूर्तियों से बना कोई भगवान न होता
From:- Hritesh Jaiswal