From:- Vinod
लोग कहते है की दोस्ती इतनी न करो की
सर पे सवार हो जाये.
लेकिन हम कहते है की दोस्ती इतनी करो की
दुश्मन को भी आप से प्यार हो जाये
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दोस्ती मौसम नहीं जो अपनी मुद्दत पूरी करे और रुखसत हो जाये
दोस्ती सावन नहीं जो टूट के बरसे और थम जाये
दोस्ती आग नहीं सुलगे भड़के और बुझ जाये
दोस्ती आफताब नहीं चमके और डूब जाये
दोस्ती फूल नहीं खिले और मुरझा जाये
दोस्ती तो सांस है जो चले तो सब कुछ है
जो टूट जाए तो कुछ भी नहीं ………
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ऐसा दोस्त चाहिए जो हमे अपना मान सके,
जो हमारा दिल को जान सके,
चल रहा हो हम तेज़ बेरिश मे,
फिर भी पानी मे से आँसुओ को पहचान सके!!!!
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ख़ुश्बू की तरह मेरी सांसो मे रेहाना……
लहू बनके मेरी नसनस मे बेहाना,
दोस्ती होती है रिस्तो का अनमोल गेहना…
इसलिया इस दोस्ती को कभी अलविदा ना कहना.
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बातें करके रुला ना दीजिएगा…
यू चुप रहके सज़ा ना दीजिएगा…
ना दे सके ख़ुशी, तो ग़म ही सही…
पर विनोद को दोस्त बना के यूही भुला ना दीजिएगा…!!!!!!!!! !!!!!!!!!
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खुदा ने दोस्त को विनोद जैसे दोस्त से मिलाया…
दोस्तो के लिए दोस्ती का रिस्ता बनाया…
पर कहते है दोस्ती रहेगी उसकी क़ायम…
जिसने दोस्ती को दिल से निभाया…
अब और मंज़िल पाने की हसरत नही…
किसी की याद मे मर जाने की फ़ितरत नही…
आप जैसे दोस्त जबसे मिले…
किसी और को दोस्त बनाने की ज़रूरत नही……!!!!!! !!!!!
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नैनो मे बसे है ज़रा याद रखना,
अगर काम पड़े तो याद करना,
मुझे तो आदत है आपको याद करने की,
अगर हिचकी आए तो माफ़ करना…….
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ये दुनिया वाले भी बड़े अजीब होते है
कभी दूर तो कभी क़रीब होते है
दर्द ना बताओ तो हमे कायर कहते है
और दर्द बताओ तो विनोद को शायर कहते है …….
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एक मुलाक़ात करो हमसे इनायत समझकर,
हर चीज़ का हिसाब देंगे क़यामत समझकर,
मेरी दोस्ती पे कभी शक ना करना,
हम दोस्ती भी करते है इबादत समझकर
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ख़ामोशियों की वो धीमी सी आवाज़ है ,
तन्हाइयों मे वो एक गहरा राज़ है ,
मिलते नही है सबको ऐसे दोस्त ,
आप जो मिले हो हमे ख़ुद पे नाज़ है ……..
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फूलों सी नाजुक चीज है दोस्ती, सुर्ख गुलाब की महक है दोस्ती,
सदा हँसने हँसाने वाला पल है दोस्ती,दुखों के सागर में एक कश्ती है दोस्ती,
काँटों के दामन में महकता फूल है दोस्ती, जिंदगी भर साथ निभाने वाला रिश्ता है दोस्ती ,
रिश्तों की नाजुकता समझाती है दोस्ती, रिश्तों में विश्वास दिलाती है दोस्ती,
तन्हाई में सहारा है दोस्ती, मझधार में किनारा है दोस्ती,
जिंदगी भर जीवन में महकती है दोस्ती, किसी-किसी के नसीब में आती है दोस्ती,
हर खुशी हर गम का सहारा है दोस्ती, हर आँख में बसने वाला नजारा है दोस्ती,
कमी है इस जमीं पर पूजने वालों की वरना इस जमीं पर “खुदा” है दोस्ती