Alwida Alwida Alwida
श्रद्धांजली आप हम सबके दिल मे हमेशा बने रहेंगे
हम आपके ऋणी हैं देश को नई राह दिखाने के लिए
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बोलते-बोलते अचानक धड़ाम से
जमीन पर गिरा एक फिर वटवृक्ष
फिर कभी नहीं उठने के लिए
वृक्ष जो रत्न था
वृक्ष जो शक्तिपुंज था
वृक्ष जो न बोले तो भी
खिलखिलाहट बिखेरता था
चीर देता था हर सन्नाटे का सीना
सियासत से कोसों दूर
अन्वेषण के अनंत नशे में चूर
वृक्ष अब नहीं उठेगा कभी
अंकुरित होंगे उसके सपने
फिर इसी जमीन से
उगलेंगे मिसाइलें
शान्ति के दुश्मनों को
सबक सीखने के लिए
वृक्ष कभी मरते नहीं
अंकुरित होते हैं.
नए-नए पल्ल्वों के साथ
वे किसी के अब्दुल होते हैं
किसी के कलाम
अलविदा .अलविदा ,अलविदा