कमा के इतनी दोलत भी मैं अपनी माँ को दे ना पाया,
कि जितने सिक्कों से #माँ मेरी नज़र उतारा करती थी..!!
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जिस बेटे के पहली बार बोलने पर खुशी से चिल्ला उठी थी जो #माँ,
आज उसी बेटे की एक आवाज पर खामोश हो जाती है….#माँ
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माँ एक ऐसा शब्द हैं, जिसे सिर्फ़ बोलने से ही अपने हृदय में प्यार और ख़ुशी की लहर आ जाती हैं…और ऐसे पावन दिवस पर हर माँ को मेरा प्रणाम..