मुझे किसी के बदल जाने का गम नही ,
बस कोई था, जिस पर खुद से ज्यादा भरोसा था…
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कैसे करुँ शिकवा अपने दर्द का तुमसे …….
मोहब्बत तो मैंने की है तुम तो बेकसूर हो ……
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मैं खुद हैरान हूँ,
तुमसे भला इतनी मोहब्बत Kaise..
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तेरे बाद खुद को इतना तनहा पाया
जैसे लोग हमें दफना के चले गए हो……
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वो एक बार इशारा तो करें खामोशी का
मैं ख़ुद काट के अपनी ज़बान रख दूंगा……..
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बरबाद कर देती है मोहब्बत हर मोहब्बत करने वाले को क्यूकि इश्क़ हार नही मानता और दिल बात नही मानता..!!
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प्यार एक गम भी है ,
जिसमें आँसुं पोछने वाला चाहिये….