बहुत महंगा हो गया है ये इश्क़ जनाब आजकल,
अब उसे पहली मुलाकात में दिल नही तोहफे चाहिये..
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हमसे पूछो इज़्ज़त वालों की इज़्ज़त का हाल कभी
हमने भी इस शहर में रह कर थोड़ा नाम कमाया है
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बरस रही है खुदा की नेमतें बारिश बनकर,
कौन कमबख्त इनके रुकने की दुआ करेगा…
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मैं कैसे उस शख्स को रुला सकता हूँ,
जिसे शख्स को मैंने खुद रो-रो कर मांगा हो…
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तोड़ कर जोड़ लो चाहे हर चीज़ दुनिया की,
सब की मरम्मत मुमकिन है ऐतबार के सिवा…!!!
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मुझसे दूर रह कर खुश है तो खुश रहने दो उसे,
मुझे अपनी चाहत से ज्यादा उसकी मुस्कुराहट पसन्द है…!
Ek aapke na hone se mar jayenge ,, dekho kittna khubsurat jhoot bola karte the ,, SM