कुछ अल्फ़ाज़ मुझे लिखने आ जाएँ……
ताकि तुम क्या हो मेरे लिए ये हम तुम्हें बता पाएँ…
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लफ्जों में उलझाना नहीं आता,
बात साफ है की,
बहुत याद आ रहे हो तुम…..!
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कैसे लफ्जों में बयां करूँ मैं खूबसूरती तुम्हारी,
की सुंदरता का झरना भी तुम हो मोहोब्बत का दरिया भी तुम..
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पिलाया रात को ऐसे उसने नजरों के जाम,
सुबह होते ही सोचा फिर कब होगी शाम..!!
Jinse Millte Hi Dil Ko
Khushi Mill Jati Hai ,,
Wo Log Q Zindgi Me
Kum Mila Karte Hein ,, MS