ज़िंदगी … जीने के लायक नही रहती…
जब कोई हमारा …हमारे ही सामने ..हमारा नही रहता..
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करीब आने की कोशिश तो मैं करूँ लेकिन;
हमारे बिच कोई फ़ासला दिखाई तो दे…!!
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मै रोज खून का दिया जलाऊगी ,,
ऐ इश्क तू एक बार अपनी मजार तो बता दे…!!!❤❤
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उस तरफ़ सूरज उगा भी और फिर ढल भी गया,
देखते ही रह गये हम लोग तारों की तरफ़…!!!
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जाते वक्त उसने मुजसे अजीब सी बात कही
” तुम जिंदगी हो मेरी,
और मुझे मेरी जिंदगी से नफरत है “