जीवन की पाठशाला
पता हे सोनू
कुछ गानों की कुछ लाइन्स को सुनते सुनते ही मैं अक्सर तेरे साथ बिताये कुछ किस्सों में खो जाता हूँ।
मैंने उन सभी गानों की एक प्लेलिस्ट भी तैयार कर ली हैं। अब मुझे जब भी तुझे अपने पास पाना होता हॆ ना तो मे उन गानों मे मग्न हो जाता हूँ और ऐसा लगता नही बल्कि ऐसा होता हॆ के तू मेरे पास ही होता हे
अभी के लिए बस एक बात याद दिला देता हूँ। तुझे मालूम हैं जब हम दोनों बस से एक बार आनँद विहार गये थे
अरे वो तुम्हारी दीदी की नंद की लड़की की शादी मे
हम दोनों ने ईयरफ़ोन का एक एक प्लग कान में लगाया हुआ था। तब भी मैंने अपने फेवरेट सोंग्स ही चला रखे थे।
तू तो अपने आप को ऐसे गाने सुनकर बिल्कुल बोर महसूस कर रहा था
क्योंकि तेरे सिर तो केवल आशिकी 2 के गानों का भूत सवार था
खेर वो तो अभी भी हे
तूने थोड़ी देर आँखे बंद कर ली थी और मे तुझे देखता रहा तब तक देखता ही रहा था जब तक की तू 100 कर न उठ गया
उसी बिच में एक गाना चलकर बंद हो गया था। लेकिन ये किस्सा उस गाने की रूह में बस गया था
आज भी जब उस गाने के ये बोल सुनता हूँ तो वो वक्त फिर से सामने से गुजरता हैं।
“”लग जा गले के फिर ये हसीं रात हो न हो
शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो
हमको मिली हैं आज ये घडीयाँ नसीब से
जी भर के देख लीजिये हमको करीब से
फिर आप के नसीब में ये बात हो न हो
शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो
पास आईये के हम नहीं आयेंगे बार बार
बाहें गले में डाल के हम रो ले ज़ार ज़ार
आँखों से फिर ये प्यार की बरसात हो न हो
शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो””.